शनिवार, 3 अप्रैल 2010

बबली के परिजनों ने की थी हत्या

DAINIK BHASKAR
Friday, Mar 26th, 2010, 8:37 am [IST]
करनाल/कैथल. बहुचर्चित मनोज-बबली हत्याकांड मामले में गुरुवार को करनाल की एक अदालत ने सात लोगों को दोषी करार दिया है। दोषियों को सजा 29 मार्च को सुनाई जाएगी। मामले में दोनों पक्षों के 41 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे।




पीड़ित पक्ष के वकील राजबीर सिंह नवरे ने बताया कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वाणी गोपाल शर्मा की कोर्ट ने सातों को दोषी करार दिया। इनमें करोड़ा का गंगाराज, सुरेश व राजेंद्र, जखौली का बारूराम, गुरदेव व सतीश तथा स्कॉर्पियो चालक मनदीप हैं। कोर्ट ने बबली के भाई सुरेश व ममेरे भाई सतीश व गुरदेव, चाचा राजेंद्र व गंगाराज को हत्या, जबकि मनदीप को अपहरण व षड्यंत्र का दोषी करार दिया है।




यह था मामला




गांव करोड़ा के एक ही गोत्र से संबंध रखने वाले मनोज-बबली ने 6 अप्रैल 2007 में भागकर प्रेम विवाह किया था। 15 जून को दोनों कैथल के जिला कोर्ट में पेश हुए और सुरक्षा मांगी। इसके बाद जब दोनों बस से करनाल जा रहे थे तब बुटाना के पास दोनों को अगवा कर लिया गया। 23 जून को दोनों के शव नारनौंद के पास खेड़ी चौकी स्थित नहर में मिले। अपहरण में स्कॉर्पियो का इस्तेमाल हुआ था।




मामले पर नजर




6 अप्रैल 07 : मनोज-बबली घर से फरार
7 अप्रैल : चंडीगढ़ के मंदिर में की शादी
26 अप्रैल : मनोज के खिलाफ राजौंद में अपहरण का केस दर्ज
31 मई : दोनों ने हाईकोर्ट में शादी के बाद पुलिस सुरक्षा निर्देश के साथ लौटे
22 जून : मनोज के परिवार का सामाजिक बहिष्कार, 23 को शव मिले।
26 जून : स्कॉर्पियो चालक काबू, मामले का खुलासा
1 जुलाई : कपड़ों व फोटो से दोनों की हुई शिनाख्त

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